Tuesday, January 31, 2017

बसन्त पंचमी पर सरस्वती वंदना

प्रातः वंदन करता हूँ तुमको
प्रातः सुमिरन करता हूँ तुमको।
ज्ञान का दीप जलाने वाली
अंधकार को मिटाने वाली।
तेरी चरणों में आज प्रणाम
तेरी चरणों को आज सलाम।

गीतों को स्वर बनाने वाली
शब्दों को स्वर सजाने वाली।
माँ गीत ग़ज़ल बनाने वाली
सबको सफल बनाने वाली
तेरी चरणों में आज प्रणाम
तेरी चरणों को आज सलाम।

शारदे कमल पर विराजमान
हम सबको देना तुम तो ज्ञान।
श्वेत वस्त्र और पुष्प धारिणी
माँ वीणा और हंस वाहिनी
तेरी चरणों को आज प्रणाम
तेरी चरणों को आज सलाम।
मोहित

Monday, January 30, 2017

धरती की पुकार कविता

धरती की पुकार
ये बदरा अब तो तुम
बरस जा हो
मेरी प्यास को
तुम आ कर
बुजा जा हो।
तुम से मिलने को
में तरस रही हूँ ।
एक बार बारिस
बन कर मिलने
तुम तो आजा वो ।
में तुम्हारे प्रेम की प्यासी हूँ
तभी तो तपन से तड़प रही हूँ।
बारिस बन कर
जब तुम आहोगें
हमारे प्रेम का जब इजहार
होयेंगा ।
में भी प्रपुलित हो कर
तुम से मिलने ऊपर
हरियाली बन कर
आहूगी।
तुम नदी,झरना बन कर
मिलने आना
मेरी प्यास बूजाना
में भी अपना
सृंगार करके
लता ,फूल बन के प्रेम का
इकरार करुँगी।
ये बदरा अब तो तुम
बरस जा हो
आठ माह से में
तुम्हारे प्रेम की
प्यासी बेटी हूँ।
अगर अब तुम न आहि
तो मेरे अंग(पेड़ पौधे)  नही
नष्ट होने लगेंगे।
में खुद भी सूर्य की जलन
में जल जाहूगी ।
अब तो बारिस बन कर
मुझसे मिलने आ जा हो ।
      मोहित

पतझड़ का मौसम

पतजड़ का मौसम आया है ।
तेरी यादो को लाया है ।
तुम से दूर नही अब रहता
आज नशा तेरा ही छाया।
हर कली में आज पाया है।
गीत  मेने आज गाया है ।
दूर जब तू चली जाती हो
यादो ने तुमको लाया है
     मोहित

Sunday, January 29, 2017

शिव

शिव शक्ति है ।
शिव भक्ति है ।
शिव साधना है
शिव आराधना है ।
शिव जटाधारी है।
शिव अवतारी है।
शिव नाम बड़ा है ।
शिव धाम बड़ा है।
शिव हर सूरत में है।
शिव हर मूर्त में है ।
शिव अविनासी है।
शिव कैलाश निवासी है।
शिव से ही संसार है।
शिव से ही भवपार है ।
शिव संकट हरने वाले है ।
शिव काम सभी के करने वाले है ।
शिव ही तो भोले है
सब शिव शिव बोले ।
      मोहित

Saturday, January 28, 2017

हम से अगर धरती माँ मुक्तक

मिली जो चोट देश को अगर
             उसे भुलाया जायेगा।
फैलते हुए भष्टाचार को
             ना रुकाया  जायेगा ।
देश बर्बाद हो जायेगा
             हम देखते ही रहेगे।
हम से अगर न धरती माँ का
            कर्ज चुकाया जायेगा ।
          । मोहित  । 

गजल

मेरी गजल

गीत हम पुराने गाते थे।
दिल से ही उन्हें बुलाते थे।

हमेशा उन्ही यादो में थे
उन्हें कभी नही सताते थे।।

प्यार का यही तो नगमा हम
उसे दिल से ही सुनाते थे ।

दिल की गहराइ से भी हम
उसी आचल को लुभाते थे।

प्यार किसी और से किया था
मोहित को यार बनाते थे।।
         ।।   मोहित ।।

दिल कितना दीवाना है मुक्तक

मेरी चाहत की बातों को
              तुमने दिल से माना है,
इस आवारा दिल को तुमने
               भी जाना पहचाना है,
दुनिया को खोकर जब मैंने
                तेरे दिल को पाया है
तुमसे मिलकर जाना मैंने
           दिल कितना दीवाना है।
             
         ।। मोहित ।।

मीरा की कहानी थी

कभी मीरा की कहानी थी।
जब राधा भी दीवानी  थी।
मगर दोनु को कृष्ण की चाहत ,
की तमना बड़ी सुहानी थी।
       ।  मोहित  ।

बदलते दोस्त को देखा मुक्तक

मेने बुजते चिराग को जलते देखा है।
उस के आंगन में फुल को खिलते देखा है ।
केसी दोस्ती थी मेरी उस से जिसको में  ।
आखो से उस दोस्त को बदलते देखा है।
       ।।मोहित।।

दोस्ताना हमारा न हो मुक्तक

रिश्ता दिल से हो कभी भी ये आवारा ना हो।
टूटे दो दिल मगर वो दिल भी तुम्हारा ना हो।
उन में दो दिलो की चाहत हमेशा बनी रहे।
रूटे जो  वो कभी दोस्ताना हमारा ना हो।
       मोहित

इजहार कर लेना मुक्तक

मेरी धडकनों से इकरार कर लेना।
मेरा दिल थाम कर इंतजार कर लेना।
मेरी सासों को तुम भी अपनी सासे
मान कर तुम दिल से इजहार कर लेना।
        मोहित

मोहन आ गय मुक्तक

इस दुनिया में वो मोहन छा गये।
लोगो की नजरो में वो भा गये ।
किया कुछ जग ऐसा काम उन्होंने,
मथुरा की नगरी में वो आ गये।
          मोहित

दिल से दूर नही जाती मुक्तक

मुझे उस की याद भी आती है।
दिल से दूर भी नही जाती है।
मोहब्बत के किसे वो मुझे रोज।
यादो के सहारे सुनाती है।
मोहित

आज भी प्यार करता हूँ मुक्तक

दिल से दिल मिला कर में उस से इजहार करता हूँ ।
मेरी दिल की जेल में उसे गिरफ्तार करता हूँ ।
कहि छोड़ कर दूर न चली जाये वो मुझे इसलिए,
में दिल से उस लडकी सेे आज भी प्यार करता हूँ ।
मोहित

गांव को स्वच्छ बनाये

ये संदेस हम जन जन तक पहुचाये।
स्वछता की एक हम सब अलख जगाये।
भारत को सुंदर बनाने से पहले
हम सब मिलकर गाव को स्वच्छ बनाये।
          मोहित

में उसे आज भी याद मुक्तक

मैं उसे आज भी याद करता हूँ
उस की दिल से फरियाद करता हूँ।
चली है वो मुझसे कोसों दूर।
फिर भी उसी से संवाद करता हूँ ।
मोहित

हिंदी दिवस पर

हम हिन्दी का मान बडाये ।
हिन्दी को सम्मान दिलाये ।
💐💐💐💐💐💐
हिन्दी भाषा का जन प्रचार।
राष्ट  चेतना  बन जगाये ।
💐💐💐💐💐💐
गीत गाये सब जगह इस का।
इस भाषा को सब अपनाये ।
💐💐💐💐💐💐
इसी  भाषा  के प्रकास से ।
दुनिया का अन्धेरा मिटाये ।
💐💐💐💐💐💐
छा जाये सभी जगह हिन्दी।
हम हिन्दी का दीप जलाये ।
          मोहित

बीमारी मुक्तक

मेरी जिन्दगी बीमारी से हारी ।
ये नही है किसी पर इतनी भारी।
जीना चाहता हू बड़े अरमान से
जीने नही देती है ये बीमारी ।
           मोहित ।

राधा के बिना मुक्तक

राधा के बिना श्याम आधा है ।
श्याम के बिना अधूरी राधा है ।
जब भी कभी दोनु साथ में रहते
नही उनके प्यार में बाधा है ।
         मोहित

मिला करोगें मुक्तक

फूलो में तुम खिला करोगे।
हमेशा मुझे मिला करोगे ।
प्यार का ये ही तो सफर है ।
जिसे तुम रोज गिला करोगे।।।
मोहित।।

सुकून की नींद सुलाया

आप की याद ने हमे खूब रुलाया है।
कभी भी आप को दिल सेे नही भुलाया है।
गम में थे आज हम भी तुम्हारे प्यारे में
आप ने हमे सुकून की नींद सुलाया है।।
।मोहित।। —

देश के संग चलना मुक्तक

मेल मिलाप से रहना हमे आज है।
सभी को बात कहना हमे आज है।
शांति का पैगाम मिले सभी को।
देश के संग चलना हमे आज है।।
। मोहित।

भरी महफ़िल में मुक्तक

नजर का हर एक पल उन्हें जानता है।
भरी महफिल में उन्हें ये पहचानता है।
हो तुम मेरी बस यही तो मेरा दिल
उन्हें तो अपना हकीकत मानता है । —मोहित

मुक्तक नींद का राबता खत्म


तेरी याद में कही और खोने लगा।
सपने तुम्हारे में नींद में बोने लगा।
मिली नही अब तुम मुझे प्यार में ।
नींद का राबता खत्म होने लगा।

गांधी

तुम भी देश में गाँधी बन जाना,
शांति अहिंसा को तुम भी अपनाना,
रहो तुम जो और कहीं पर भी मगर
गीत तुम देश का हर जगह गाना।
      मोहित

शादी पर

मुबारक हो तुमको ये शादी जो तुम्हारी ।
सदा ख़ुश रहो ये दुआ है आज वह हमारी ।
सलामत रहे तुम्हारी हमेशा ये जोड़ी।
अमानत रहे तुम्हारी हमेशा ये जोड़ी।
फूलो के बाग में हमेशा तुम खिलते रहो।
जीवन के हर मोड़ पर हमेशा हँसते रहो ।
चन्दन की वादी में तुम्हारा बसेरा हो।
जीवन का अब नया हमेशा सवेरा हो।
खुदा करे तुम एक दूजे से कभी ना रुटे।
आप दोनु से खुशिया का एक पल ना छूटे ।
             मोहित जागेटिया

शादी पर

आज कोई तुमको खुशियो की बधाई देगा।
चाँद तुम्हारा हम को भी जो दिखाई देगा।
साथ तुमको आज जीवन संगिनी का मिला है,
आज उसको भी  घर से कोई विदाई देगा।
           मोहित

शादी की शुभकामनाये

दो फूल चमन में खिल रहे है ।
दो दिल आपस में मिल रहे है।
दो सपनो ने अब वह श्रृंगार किया है ।
दो पथिक संग चलना स्वीकार किया है।

दो दिलो ने श्रृंगार किया है ।
दो दिलो ने प्यार किया है।
दो राह के पथिक ने अब संग
चलना स्वीकार किया है

Sakranti


एक दूजे से पतंग का पेच लड़ाएंगे।
हम छत से दूसरी छत पर नजर मिलाएंगे।
हम आज आकाश में देखेंगे मगर दिल से
वही मकर सक्रांति का त्यौहार मनाएंगे।
मोहित

परिवार पर कुछ मुक्तक

रिश्तो की दुनिया को रिश्तो से सजाया है।
रिश्तों को सभी ने परिवार से बनाया है।
परिवार ने हमको साथ चलना सिखाया है।
माँ बाप ने तो रिश्तो का फ़र्ज निभाया है।

घर ,आँगन,परिवार में खुशियां जो मिलती है।
भाई  बहिन  के  रिश्तों से दुनिया खिलती है।
रिश्तो  को  तो  दादा -दादी  ने  सजाया  है,
अच्छे  संस्कारों  से  आज  दुनिया चलती है।

उस घर में हमेशा ही तो खुशबू आती है।
जिस घर में बहू को बेटी समझी जाती है।
वो तो आँगन भी हमेशा खिलता महकता है
जिस  घर  में नारी  रिश्ता  को निभाती है

आज भाई भाई में वो प्यार नही मिलता ।
हँसता खेलता वो अब परिवार नही मिलता।
आज दूर चले गये लोग अपने रिश्तों से,
अब हमारी संस्क्रति का संस्कार नही मिलता।

          मोहित जागेटिया






Friday, January 27, 2017

हार के बेटा

मेने उनसे प्यार किया फिर भी हार कर बेठा ।
दो दिलो की भी मुस्कान को बेकरार कर बेठा ।
हमारे दिल की चाहत भी अजीब तरह की थी जो
मुझे इनकार करना था मगर इकरार कर बेठा ।
         मोहित

मेरे हालात मुझे जीने

मेरे हालात मुझे जीने नही देते ।
मेरे जज्बात मुझे मरने नही देते ।
करना चाहता हू में भीें कुछ तो लेकिन
  मेरे अपने भी कुछ करने नही देते ।
     मोहित

मेरे मन मंदिर में समाता

हर पल मुझे वो याद आता है
दिल से  कभी नही वो जाता है
केसे भूल जाहु उसे हमेशा
मेरे मन मन्दिर में समाता है।
          मोहित

वादा निभाने

आज हम अपना वादा निभाने चले।
उन्हें दिल में हम भी अब बसाने चले।
हम साथ जिन्दगी गुजार कर अब सभी
एक होकर सभी गम भुलाने चले|"
।। मोहित ।।

याद दे जाते है

हम दुनिया में किस लिए आते है।
इस को कभी नही जान पाते है
कभी  हम उन्हें भूल नही सकते
जो इंसान यादे दे जाते है।
         मोहित।

ये दुनिया की रीत मुक्तक

ये दुनिया की रित है
मेरी सब से मित है
रिश्ता सब से हो ये
ही हमारी प्रीत है ।
      मोहित

अब पुरानी लगती

हमे वो रित अब पुरानी लगती है ।
प्यार की वो भी निशानी लगती है
केसे दूर रहे वो हम से वो तो
एक प्यार की कहानी लगती है।
        मोहित

श्रदा सुमन मुक्तक

आपको हम हमेशा याद करते रहेगे।
चरणों में आपके सर हम नवाते रहेंगे।
आपका शरीर हमारे बिच नही रहा है।
फिर भी श्रदासुमन से फुल चडाते रहेंगे ।
      ।।  मोहित   ।।

मेरे शब्दों को अक्षय ने मुक्तक

मेरे शब्दों को अक्षय ने सवारा हैं।
जब कभी भी मेने उनको पुकारा है।
हम दूर रहते है एक दूजे से कहि
फिर भी मेरे प्यार को स्वीकारा है।
             ।।मोहित  ।।

रावण दहन मुक्तक

हम अपने अंदर के रावण का दहन करे।
बुराई को मिटा कर वो शक्ति हम सहन करे ।
पाप को जला कर भष्टाचार को हटा कर ।
सत्य पर चलने की वो शक्ति हम भी गहन करे   ।मोहित

उसको मेरी याद आती नही है मुक्तक

उसको मेरी याद अब आती नही है।
मेरे दिल से वो दूर अब जाती नही है।
केसेें भूल जाहु उसे में तुम ही बताहो
उसको मेरी याद कभी बताती नही है ।
          मोहित

प्यार हो गया मुक्तक

मुझे उनसे प्यार हो गया ।
चलो में दिलदार हो गया ।
मेरी नजर से नजर मिली
तो मुझे इकरार हो गया ।
        मोहित

गीत

मेरा पहला गीत है

में गीत लिखुगा तुम स्वर बनाने आ जाना ।
में प्रीत लिखुगा तुम रित निभाने आ जाना ।
मिल कर गायेगे गीत स्वर सजायेगे ।
प्यार का ये रिश्ता हम और आगे बडायेगे ।
मिल कर हम एक दूजे से नई दुनिया बसायेगे ।
प्यार की खुशबु आती रहे हमारे दिल से
हम वो प्यार की रित हर पल साथ निभायेगे ।
में गीत लिखुगा तुम स्वर बनाने आ जाना ।
में प्रीत लिखुगा तुम रित निभाने आ जाना ।
   मोहित

मोहित मुक्तक

में मोहित तेरे दिल का
   तुमे हमेशा मोहित रखुगा ।
तेरी खामोसी को भी
  हर पल मोहित में बदल दुगा ।
मेरी दुआ है हमेशा
  तुम हर पल मोहित बने रहो ।
जीवन आपका बदल कर
  तुमे भी दिल सेें सवार लुगा ।
        मोहित

तुम दीपक बन के जलते मुक्तक

तुम दीपक बन के हमेशा जलते रहो।
प्रगति के इस रास्ते पर तुम चलते रहो।
रौशनी आपकी हर पल निखरती रहे ,
ऐसा दीपक तुम हमेशा बनते रहो ।मोहित

भाई बहिन मुक्तक

भाई का प्यार बहिन का दुलार है ।
रीत का ये ही तो सच्चा सार है ।
रहते है एक दूजे से दूर
फिर भी दोनु में अच्छा प्यार है ।
            मोहित

ख़ामोशी में बात मुक्तक

ख़ामोशी में भी उनसे कभी बात नही होती ।
अकेले में कभी उनसे मुलाक़ात नही होती।
चांदनी की रात में भी में उन्हे देखता हू
उन के बिना मेरी भी पूरी रात नही होती ।
      मोहित

बचपन पर कविता

बचपन पर रचना।

कभी याद आते है बचपन के जमाने ।
हम कभी भूल नही पातेै वो अफ़साने ।
हमारी भी एक अलग दुनिया होती थी
जहा पर हम बस जाते वही पर घराने ।
चले घर वाले हमे अच्छा सज सजाने ।
वही है हम तो बच्चे अभी भी पुराने ।
नही मानते कभी किसी से मनाने से
जब कभी मानते प्यार से हमे खिलाने ।
नही है अब बचपन के पुराने तराने ।
नही है अब नानी के वो लोरी गाने ।
नही कल वाला अभी बचपन का जमाना
नही अब आता रूट जाने पर मनाने ।
               मोहित

सर्दी दीवानी लगती मुक्तक

भोर भी अब सुहानी लगती है ।
वक्त की ये निशानी लगती है ।
आज मौसम भी कैसा रहेगा
सर्दी  अब दीवानी लगती है ।
         मोहित

जात न देखो मुक्तक

मेरे देश के हालात देखो ।
नही अभी की जात पात देखो ।
बहुत कुछ अभी जो बदल गया है
उसका तो जरा जज्बात देखो ।
        मोहित

मंगलमय हो नया सवेरा कविता

नई भोर नया सवेरा साथ लाई ।
नई अब आशा की किरण जो आई।
🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞
कभी पुरानी वाली अब बात गई ।
अभी पुरानी वाली तो रात गई ।
💐💐💐💐💐💐💐
पंछी भी अब गीत गाने लगे ।
दाने लाने अब दूर जाने लगे ।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गवाल भी अब गाये चराने चले ।
मजदूर भी पसीना बहाने चले ।
👏👏👏👏👏👏👏
नया सवेरा आया तुम भी जागो।
दुनिया की दौड़ में तुम भी भागो।
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
अपने कार्य में तुम भी आगे चलो।
अब नही तुम भी किसी और से जलो।
☀☀☀☀☀☀☀
मंगलमय हो नया सवेरा तेरा ।
मंगलमय हो नया सवेरा मेरा ।
👏👏👏👏👏👏👏
           मोहित

मेरे प्यार की पहचान तुमने बनाई मुक्तक

मेरे प्यार की पहचान तुम ने बनाई है ।
मेरे दिल में हर पल तुम ही तो समाई है।
कैसे भूल जाहु में तुम को तुम ही बताहो
मेरे हर अल्फाज में तुम ही तो छाई है ।
                मोहित

सपनों की रात नही होती मुक्तक

मेरे सपनों की वो रात नही होती ,
अगर अपनी वो मुलाकात नही होती ।
रह जाता मैं तुम्हारे बगैर अकेला ,
गर मेरी तुम से वो बात नही होती ।
               मोहित

तेरे शहर से मेरा गाँव कविता

तेरे शहर से तो मेरा गाँव अच्छा है।
मेरा गॉव तो तेरे शहर से सच्चा है ।
🌴🌴🌴🌴🌴🌴
लोग हमेशा यहा पर शांति से रहते है ।
अपना सुख दुःख एक दूजे को कहते है ।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
यहा पर तो हमेशा शुद्ध हवा मिलती है ।
बीमारी की यहा देशी दवा मिलती है ।
💐💐💐💐💐💐

तेरे शहर से तो मेरा गॉव अच्छा है ।
मेरा गॉव तो तेरे शहर से सच्चा है ।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹
यहा वैसे ही अच्छा आहार मिलता है ।
हमेशा लोगो से जो व्यवहार मिलता है ।
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
रात में हम को सुकून की नींद आती है ।
गांव की याद हमेशा दूर तक जाती है ।
👏👏👏👏👏👏
              मोहित

हम भाषा की लड़ाई मुक्तक

हम भाषा की लड़ाई नही लड़े।
एक दूजे से क्यों हम भी अड़े ।
हम क्या इतने निचे आज गिरगये
जो हम भाषा के लिए निचे पड़े ।
    मोहित

दिल को दिल से मिलाना आसां मुक्तक

दिल को दिल से भी मिलाना कभी आसां नही होता ।
साथ रह कभी दूर जाना कभी आसां नही होता ।
चलने को तो चले जाते हम भी अपने रास्ते पर,
यूँ अपनी बात मनवाना कभी आसां नही होता ।
          मोहित

Wednesday, January 25, 2017

तिरंगा

ये  तीन  रंगों  से  बना  तिरंगा  मेरी  पहचान है।

इसको कभी आँच नही आये इस में मेरी जान है।

ये झंडा सब की एकता और सम्मान का प्रतिक है,

हर आँगन में लहराये इसी में भारत की शान है।

               मोहित

जन्मदिन पर कविता

।जन्म दिन मुबारक हो।
      जन्म दिन पर
जन्म दिन आपका आता रहे ।
ऐसे ही हमे हँसाता रहे ।
आपकी खुशियो का ये मेला
गीत भी हमेसा गाता रहे ।
💐💐💐💐💐💐
फूलो ने खुसबु बनाया है ।
तुम को तो रब ने सजाया है ।
आपकी खुशियो का हमने ये
गीत बड़े प्यार से गाया है ।
🌷🌷🌷🌹🌹🌹
तुम आये खुशिया साथ लाये ।
आज के दिन तुन भी तो छाये ।
हर सपने तुम्हारे पुरे हो
ये गीत हम जो हर पल गाये ।
🎂🎂🎂🎂🎂🎂
हर कृष्ट को आप हरते रहो ।
प्रगति के पथ पर चलते रहो ।
हमारी ये दुआ हमेशा है
तुम दीपक बन के जलते रहो ।
         मोहित

सावरे प्यारे

सावरे सलोने श्याम प्यारे ।
वो तो न किसी से भी न्यारे ।
रहते वो तो सभी के दिल में,
नही कभी से किसी वो हारे ।
           मोहित

अमानत रहें

अमानत रहे तुम्हारा दोस्ताना।
कभी नही टूटे प्यारा दोस्ताना।
एक दूसरे से जुदा रहें फिर भी ,
सलामत जो है हमारा दोस्ताना
            मोहित

किसी और की दीवानी मुक्तक

इश्क की अब वो बात पुरानी हो गई ।
प्यार जो करता कभी कहानी हो गई।
जो करती थी मुझ से कभी प्यार वो अब
किसी और की एक दीवानी हो गई ।
      मोहित

अब वो नजर चुराने मुक्तक

नजदीक आ कर अब वो नजर चुराने लगे ।
लगता है अब वो हम को भीे भुलाने लगे ।
कैसी मोहब्बत थी हमारी जो हमे अब,
दूर जा कर वो हमे दिल से रुलाने लगे ।
      मोहित

माफ़ी


मुझसे कोई गलती हुई हो तो क्षमा कर देना,
मेरी अच्छाई को अपने खाते में जमा कर देना।

सुन्दर भारत का मुक्तक

हम सुंदर भारत का सपना सजाये ।
भारत को स्वच्छता की और बडाये।
इस नेक काम को सभी अपना माने,
इस अभियान को हम सब सफल बनाये ।
            मोहित

पठान कोट हमले पर मुक्तक

पठान कोट हमले पर मेरा मुक्तक

कब तक भारत के कुछ परिवार रोते रहेंगे ?

कब तक सब नेता गहरी नींद सोते रहेंगे ?

एक बार भारत की जनता को ज़वाब दे दो

कब तक भारत के वीर शहीद होते रहेंगे ?
मोहित

वो एक फूल थी मुक्तक

मैने जीन से प्यार किया वो एक फूल थी ।
मेरी जिन्दगी की बस वो ही तो वसूल थी।
जी रहा हूँ उसके बिना आज में हर पल,
मेरी ये ही तो सबसे बड़ी कभी भूल थी।
         मोहित

याद सिदडियास आता है मुक्तक

मुझे कुछ भी तो नही रास आता है।
रहूँ कहि भी तो नही आस आता है।
जाहु दूर में कितना भी मुझे तो अब
याद हर दम तो सिदडियास आता है।
               मोहित

मुक्तक माँ शारदे

शब्द से ही में शब्दों की माला बनाता हूँ ।
शब्द के फूल आपकी चरणों में चढ़ाता हूँ ।
मुझे देना कभी ऐसे शब्द जिस से आपकी,
वन्दना को सब जगह गीत गजल में गाता हूँ ।
               मोहित

कभी में राम लिखता मुक्तक

कभी मैं राम लिखता हूँ कभी रहमान लिखता हूँ ।

किसी का मान लिखता हूँ किसी की शान लिखता हूँ।

नहीं सक्षम कि मैं लिख दूँ कहानी देश की अपनी,

तभी सम्मान से दिल में ये हिन्दुस्तान लिखता हूँ।

            मोहित

मेरी शायरी उसके मुक्तक

मेरी शायरी भी उसके बिना अधूरी है।
न जाने क्यों ये हमारे बीच तो दूरी है ।
रहूँ उनसे में तो कितना भी खफा या वफ़ा
फिर भी मेरे लिये हो तो बहुत जरूरी है।
          मोहित

हमे ऐसे ही मान सम्मान मिलता रहे मुक्तक

हमे ऐसे ही मान सम्मान मिलता रहे।

आप की चरणों में हमे स्थान मिलता रहे।

आपके सिवा अब तो कुछ भी नही चाहिये

मिले तो बस आपका ही ध्यान मिलता रहे ।

मोहित

बड़ी ही आरजू मुक्तक

बड़ी ही आरजू थी उसको पाने की।
खबर मिली नही उसके कभी जाने की।
छोड़ आएगी वो सबको मेरे लिये,
ऐसी खबर दी नही उसने आने की।
    मोहित

कैलाश की छंद

कैलाश की घटा से,घनघोर जटा से
निकलती जो गंगा,भारत में बहती है ।

बहती हुई गंगा,संदेश हमे देती
निर्मल तुम बनो,ये हमको कहती है ।

आये रास्ते में जो ,सब को ही मिटाती
करे कोई भी पाप,सबके वो सहती है ।

ऐसी भोले की लीला,मेरे बाबा की जो है
गले में माला विष,सापो की जो रहती है ।

चरणों में जो गया,उसका बन गया
उसके चरणों की ,लीला ऐसी चहती है।
            मोहित

पढ़ वो ही जिसे सही ज्ञान मिले मुक्तक

मेरे सपनों को वो अरमान मिले।

आगे मुझे भी ऊँची उड़ान मिले।

चल रहा हूँ अपनी मंजिल की ओर,

पढूँ वो ही जिससे सही ज्ञान मिले।

            मोहित

कभी गम की शायरी लिखता हूँ मुक्तक

कभी गम की शायरी लिखता हूँ ।

कभी प्यार की धुन में रहता हूँ ।

मेरे दिल पर लगी जो भी चोट

उसे हर दम प्यार से सहता हूँ ।
     मोहित

दूर रहने पर क्यों घबराती है मुक्तक

दूर रहने से क्यों वो मुझसे घबराती है।

पास आने पर क्यों वो मुझसे शर्माती है ।

ख्वाब में जब हकिगत नही कभी बन पाती है

क्यों ख्वाब की नींद में आज मुझे रुलाती है ।

        मोहित

मेरी तुम से मुलाकात हो जाती मुक्तक

मेरी तुम से एक बार मुलाकात हो जाती।

आज हसीन सपनो वाली वो रात हो जाती।

मेरी हर वो मुरियाद आज पूरी हो जाती ,

जब तुम से मेरी भी कभी वो बात हो जाती ।

          मोहित

दोस्ताना मुक्तक

ये कभी जो रूठे नही वो दो दिलो का अरमान है ।

ये कभी जो छूटे नही वो दो दिलो की पहचान है।

मिला जो हम सब को वो साथ, ये वो सब का दोस्ताना ,

भरा है जिस में प्यार वो ही आज सब की मुस्कान है।

मोहित

गीत पुराना गाता हूँ मुक्तक

जब मोहब्बत को दीवाना गाता हूँ।

प्यार का हमेशा अफ़साना गाता हूँ।

मुझे जब याद आ जाती है तुम्हारी,

जब कहि में वह गीत पुराना गाता हूँ ।
मोहित

नजरो से दूर था मुक्तक

नजरो से दूर था अब दिल से दूर हो गया हूँ।
नही जाहु उनके पास अब मजबूर हो गया हूँ ।
कैसी खता हो गई मुझसे में जान नही सका
उनसे दूर रहने को में मंजूर हो गया हूँ।
            मोहित

सन्तो पर मुक्तक


जहाँ पर सन्त दर्शन देते वही भव पार होता है।

करे वंदन वही चरणों में जहाँ पर प्यार होता है।

मिट जाते है जब सभी कष्ट उन चरणों में जाने से

करे वन्दना हम उनकी जब भी उदार होता है।

                 मोहित

पानी की मारा मारी मुक्तक

आज कल पानी की मारा मारी है।

ये बीमारी सब पर बड़ी भारी है।

जीती होगी दुनिया यहाँ पर सबने

पर यहाँ दुनिया पानी से हारी है।

    मोहित

दोस्त क्या है कविता

दोस्त क्या है मेरे लिए
मेरा पल तुम हो
मेरा कल तुम हो ।
मेरा खेल तुम हो
मेरा मेल तुम हो ।
मेरी दोलत तुम हो
मेरी शोरत तुम हो ।
मेरा अरमान तुम हो
मेरा सम्मान तुम हो ।
मेरी पहचान तुम हो
तो मेरी जान तुम हो।
आज तुम हो इस लिए
में हूँ मेरे प्रिय दोस्त ।
सफर का साथ तुम हो
मिलन का हाथ तुम हो ।
रिश्तो में विस्वास तुम हो
मेरी हर पल की आस तुम हो ।
तुम्हें कभी में छोड़ नही सकता
तुम्हें छोड़ रिश्ता और किसी से जोड़ नही सकता।
मोहित

माँ पर कविता

मातृ दिवस की शुभकामनाय
माँ ही मेरा कभी प्यार है ।
माँ ही मेरा वह दुलार है।
माँ ही मेरी साधना है ।
वह मेरी आराधना है।
माँ से मेरी भक्ति है ।
माँ से मेरी शक्ति है।
माँ से मुझे सब आस है ।
माँ पर आज विश्वास है ।

में दगा बाज नही हूँ मुक्तक

में कभी दगा बाज नही हूँ ।
में सुर में वो साज नही हूँ  ।
कर दे कोई मुझे मदहोस
अब वो तो में राज नही हूँ ।
    मोहित

कोई अपना नही होता है कविता

कोई भी अपना नही होता जब किसी का कोई अपना हो जाता है।
वो भी आज मुझसे दूर चला गया
मेरी यादो को वो भी जला गया ।
वो मेरी एक कहानी बना गया
मेरी बात को पुरानी बना गया ।
गुजरा हुआ अब वो वक्त याद आता है
मेरी यादो से वो नही अब जाता है ।
हर पल मेरे दिल में वो ही महकता है
मेरे दिल में आज भी वो ही रहता है।
अब वो किसी और का हो गया है
उसकी यादो में अब खो गया है।
कैसे भुलु में उस यार को में
कैसे भुलु दिलदार को में।
सुनता था मेरी हर बात को
मिलने आता था वो रात को।
न जाने कहा वो अब चला गया
मेरी यादो को वो अब जला गया ।
वो मेरा ख्वाब था जो टूट गया
वो मेरा यार था जो छुट गया ।
        मोहित