Wednesday, January 25, 2017

मुक्तक प्रीत संग

प्रीत संग प्रीत बनाई है।
प्रीत संग मीत निभाई है।
आज रिश्तों की डोर हमने ,
मीत संग प्रीत सजाई है।
मोहित

3 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 01 अप्रैल 2017 को लिंक की जाएगी ....
    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  2. सुंदर ,ह्रदय से आभार व्यक़्त करता हूँ

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