Wednesday, January 25, 2017

गौ माता पर कविता

तेरी गायों का कौन है अब रखवाला
अब तो सुनी है तू था इनका मतवाला।

न कोई गोपाल है न कोई ग्वाला है
अब न तो कोई इनका वो रजवाला है।

सड़कों पर ये फिरती है यें  इधर उधर
नही आज सुनने वाला जाएं किस दर ।

हे कान्हा अब तू ही बता क्या हाल है
आज भी गौ माता में क्या वो चाल है ।

अब न तो इनको चारा पानी मिलता है
नदियों में आज खारा पानी मिलता है ।

देख रहा है तू तमाशा इंसान हैवान बन गया है
जो कर रहा है गाय की हत्या वो शैतान बन गया है ।

हे कान्हा अब तू तो इस गौ माता पर रहम कर दे
बहुत हो चुका है अत्याचार अब तो वह कम कर दे ।
      मोहित

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