बचपन पर रचना।
कभी याद आते है बचपन के जमाने ।
हम कभी भूल नही पातेै वो अफ़साने ।
हमारी भी एक अलग दुनिया होती थी
जहा पर हम बस जाते वही पर घराने ।
चले घर वाले हमे अच्छा सज सजाने ।
वही है हम तो बच्चे अभी भी पुराने ।
नही मानते कभी किसी से मनाने से
जब कभी मानते प्यार से हमे खिलाने ।
नही है अब बचपन के पुराने तराने ।
नही है अब नानी के वो लोरी गाने ।
नही कल वाला अभी बचपन का जमाना
नही अब आता रूट जाने पर मनाने ।
मोहित
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