Thursday, July 20, 2017

मेरी कविता

             मेरी कविता
नही फूलों का हार है शब्दों का श्रृंगार है
शब्द शब्द माँ सरस्वती का ये उपहार है।
हर दिन मोहब्बत मेरी कविता का काम है
यही  मेरा  दुनिया  को  प्रेम  का  पैगाम है।
जग  में  शांति  अहिंसा  का  मेरा ईमान है
मेरी  सत्यता  ही  यहाँ   मेरी   पहचान  है।
गलत करें उसके लिए ये दर्पण बन जाती
अच्छा करें उसके लिए समर्पण बन जाती ।
गलत को गलत बताना यही मेरा काम है
मेरी कविता बस आज प्यार का पैगाम है।
मोहित






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