जिधर में देखता हूँ उधर आज कल दंगा है। भारत मे बहती निर्मल पावन गंगा है इस भूमि को कोई अपना माने या ना माने, मगर मेरे हाथ में तो बस एक तिरंगा है। मोहित
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