Saturday, October 14, 2017

कितना प्यार है तुम से

कितना प्यार है तुम से,,,,,,,,,,,,!

तुम शब्दों का श्रृंगार हो
तुम फूलो का हार हो
मेरे आँगन को महका दे
वो तुम ही गुलजार हो।
मेरी हर सुबह और शाम हो
मेरी जुबान पर बसी वो नाम हो।
तुम से ही आज कल में चल रहा हूँ
तुम्हारी सासों में ही पल रहा हूँ।
दिन भी तुम से होता है रात तुम हो
ख्वाब में जो आये हो बात तुम हो।
तुम बहती नदी की निर्मल धार हो
तुम ही मेरा अब सच्चा प्यार हो।
तुम दूर हो फिर भी तुम्हारा आभास है
मेरे दिल की गलियों में तुम्हारा ही निवास है।
मेरे जीने के लिए मेरी जान हो तुम
मेरी हर गम में मुस्कान हो तुम ।
तुम्हे ख़्वाबो में मैं सजाता रहूँगा
हर दिन तुम्हें मैं बुलाता रहूँगा।
में तेरा श्याम तुम मेरी राधा रानी हो
जिंदगी के सफर की मेरी कहानी हो।
तुम से कितना प्यार है इन शब्दों में अहसास नही
अभी प्यार अधूरा है क्यों कि तुम मेरे पास नही ।
जिस दिन तुम मेरे पास होगी
उस दिन सच्चे प्यार का तुमको अहसास होगा।
बस मेरे लब्जों में तुम बया नही हो सकती हो
तुम अब किसी और के ख्यालो में नही खो सकती हो ।
तुम्हारे बिना अब में भी अधूरा हूँ
नही तुम्हारे बिना में पूरा हूँ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।

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