प्रकति को बचाना है तो बहती नदियों को बचाहियें । सभ्यता को बचाना है तो संस्कृतियो को बचाहियें । अगर खुद को हमको बचाना है तो सबसे पहले तो, भूर्ण हत्या बन्ध कर हमारी बेटियों को बचाहियें। मोहित
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