Thursday, November 23, 2017

में हर दिन याद करूँगा

में  तुम्हारी  हर याद को नमन करता हूँ।
गुज़रे हुए कल को आज वंदन करता हूँ।
में आस्था,श्रद्धा और सुमन के फूल आज
में  तुम्हारी  चरणों  में  अर्पण  करता हूँ।
मोहित

में  गुजरें  हुए  कल  की याद करता हूँ ।
कल की याद में अब फरियाद करता हूँ।
हर दिन गुजरा हुआ पल याद आता है,
बीती  याद  से  आज  सवांद  करता हूँ।
मोहित

पद्मावती

हमारी  संस्क्रति  को  यूँ  नही  आज  बदनाम होने देंगे ।
हम  पद्मावती  की  अस्मत  को  नही नीलाम होने देंगे ।
हम भी भूगोल बदल देंगे अगर अब इतिहास बदला तो
मगर  झूठे  इतिहास  का  आज  नही  बखान  होने देंगे ।।
मोहित

मुक्तक मानुषी


भारत   की   बेटिया  संसार   में   मान   बड़ाती   है ।
हर  प्रतियोगिता   में   भाग   लेने  वो  जो  जाती  है।
जग  की  सारी सुंदरियों  को  पछाड़  कर भारत की ,
मानुषी छिल्लर मिस वर्ल्ड का ख़िताब जीत आती है।

गजल


ना जानें किस आग में वो जल रही थी
मोहब्बत  के सफर में वो चल रही थी ।
कोई  नही  था  उसको  पालने  वाला
जानें किस के दम पर आज पल रही थी।
वो अपनी मंजिल की और बड़ रही थी,
लोंगो को ये बात भी क्यों खल रही थी।
आदि नही ,अनादि रौशनी की किरण थी
आज अपने सफर की और डल रही थी।
जग के सामने कभी झुकने नही दिया
और को मजबूत किया खुद गल रही थी।।
मोहित

Friday, November 17, 2017

पद्मावती

            पद्मावती
तुम याद करों राजस्थान का इतिहास
महाराणा  ने  रखा  यहाँ  पर उपहास।
मत भूलों तुम यहाँ की आन,बान शान
रानी  पद्मावती  का  रहा  था जो मान।
झुकने  नही  दिया  हो  गई  सती रानी
पद्मावती  की  रही  ऐसी  वो  कहानी।
वो तो ज्वाला थी जो आग में जल गई
कभी भगवा लहरा कर वो अब चल गई।
उसकी आन बान को तुम मिटाने चले
नया इतिहास ही तुम अब बनाने चले।
हम संस्क्रति   नही  बदनाम  होने देंगे
झूठा इतिहास  नही  बखान  होने देंगे।
मोहित

Tuesday, November 7, 2017

सन्तों की चरणों में स्थान मिलें

जब कल्पना को हकिगत की उड़ान मिलें ।

खुद  की  नजरों में खुद को पहचान मिलें ।

जिसकी  चरणों  में शांति का अहसास हो,

ऐसे  सन्तों  की  चरणों  में   स्थान  मिलें ।

मोहित