कासगंज घटना पर मेरी कविता
कासगंज का ध्वज लहरातें अब बेटा चन्दन नही रहा
देश के गद्दारों का देश के प्रति आज दर्पण नही रहा ।।
भारत देश अपने गद्दारों से हर बार बार छला गया
तिरंगा लहरातें चन्दन गोली खा के आज चला गया।।
उदघोष वन्दे मातरम,भारत माता की जय नारा था
चन्दन अपने देश के गद्दारों के हाथ आज हारा था।।
तिरंगा यात्रा में वो आज तिरंगे में लिपट कर आया
तिरंगे के खातिर वो तिरंगे की खुशबू घर पर लाया । ।
कब तक मेरे भारत देश में ये घटना होती रहेंगी
क्या देश की सरकारें ऐसे ही अब सोती रहेंगी।।
इस देश में तिरंगा न फहराना कितनी बात बूरी है
जो देश को बाटे अब उनका आज ईलाज जरूरी है।।
चन्दन के अरमान को चन्दन की तरह आज लगाएंगे
देश के गद्दारों के घर पर भी अब तिंरगा फहरायेंगे।।
दुश्मन की हर चुनौती हर बार आज स्वीकार करता हूँ
में उस चन्दन को वंदन हर बार हजार बार करता हूँ
मोहित जागेटिया