शिव ही मेरी आराधना शिव ही मेरा विश्वास है ।
महादेव उसका नाम कण कण में उसका आभाष है।
उस भोले की चरणों में शांति सुकून का आभाष है,
जब भी करू शिव की पूजा तो शिव ही मेरे पास है ।।
मोहित
हर दिन शीश पर चंद्रमा,जटा से गंगा बहती है ।
हाथ मे डमरू गलें में साँप की माला रहती है ।
शिव शंकर की हम आज पूजा वंदना करें
मेरी धड़कन तो ये शिव शिव आज कहती है ।।
शिव के भांग,धतूरा का प्रसाद हर दिन चढ़ता
शिव की पूजा वंदना से मेरा दिन डलता।
दूध ,दही ,घी ,शक्कर ,और शहद से नहाता
भोले पर फूल ,माला ,बिलपत्र चढ़ने आता।
शिव के हाथ मे त्रिसूल वो कैलास निवासी
वो शिव घट घट वासी वो विश्व्नाथ है कासी।
आज में महिमा गाता हूँ उस परमेश्वर की
शिव जिसका नाम ,धाम बड़ा है उस ईश्वर की।।
मोहित
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